Thursday, September 4, 2008

मेरी छोटी बहन
मैं राहुल आज़ आपको अपनी सच्ची कहानी बताने जा रहा हूं। मेरी एक छोटी बहन है जिसका नाम रेखा है। उसकी उमर १८ साल की है मेरी उमर २० साल की है। मेरी बहन की चूची काफ़ी सुडौल है, मेरी नज़र जब भी उसकी चूची पर जाती है तो उसे दबाने की इच्छा होती है। किन्तु मैं मां-बाप के डर के कारण कुछ नहीं कर सकता हूं। एक दिन घर में बहुत से मेहमान आ गये जिसके कारण सोने के जगह की कमी होने लगी। किसी तरह एडजस्टमेंट किया गया। मैं और मेरी बहन जमीन पर सो गये। रात में ठंड के कारण मेरी बहन मेरे से सट गयी, मैने भी मौके का फ़ायदा उठाते हुए उसकी चूची पर हाथ रख दिया और धीरे धीरे सहलाने लगा, उसकी चूची काफ़ी हार्ड थी। चूची छूने के कारण मेरा लंड खड़ा हो गया। अचानक मेरी बहन की आंख खुल गयी और वो हमसे दूर हो गयी, दूसरे दिन सभी लोग मेहमान को घुमाने बाहर गये। मेरी बहन नहीं जा सकी क्योंकि उसका दूसरे दिन एक्साम था। मैं भी घर में ही रह गया।
दोपहर में खाने के बाद वो सो गयी, घर में सिर्फ़ मैं ही दोनो थे। उसको सोता देख कर उसकी बुर चोदने की इच्छा होने लगी किन्तु डर के कारण हिम्मत नहीं हो रही थी। मैं साइंस का स्टुडेंट हूं और प्रैक्टिकल के लिये क्लोरोफोर्म लाया था। मैने क्लोरोफोर्म को अपने रुमाल में डाल कर उसके नाक के पास ले गया, चूंकि वो गहरी नींद में थी इसलिये वो बेहोश हो गयी। मैने जल्दी से उसके कपड़े के ऊपर से ही उसकी चूची दबाने लगा। चूची दबाते दबाते मैं काफ़ी उत्तेजित हो गया और उसके टोप को ऊपर कर उसके बरा को बाहर निकाल दिया उसकी दोनो खूबसूरत चूचियां मेरे सामने बिल्कुल नंगी थी मैने उसको जोर जोर से दबाने लगा और उसका स्कर्ट ऊपर कर पैंटी भी निकाल दिया। अब मेरे सामने उसकी बुर एकदम नंगी थी। उसके उठे हुए बुर को देख कर बरदाश्त नहीं हुआ।
और मैने अपने सारे कपड़े उतार कर उसकी बुर पर अपना लंड रगड़ने लगा, बुर पर अपना लंड रगड़ने के बाद मैं अपना सुपाड़ा उसकी बुर के छेद पर रख कर हल्का सा झटका दिया। सुपाड़ा बुर में थोड़ा सा घुस गया। रेखा बेहोशी के बाद भी कराह उठी। काफ़ी कोशिश के बाद भी मेरा लंड बुर में घुस नहीं रहा था। ये सब करीब एक घंटे तक चलता रहा। क्ल्रोरोफोर्म का असर भी अब धीरे धीरे कम हो रहा था। मैने उसके बुर में एक झटका और दिया। उसके बुर से खून निकलने लगा और वो दर्द से कराह उठी, दर्द के कारण उसकी बेहोशी टूट चुकी थी। वो अपने आप को नंगा देख कर और बुर में लंड पा कर डर और घबरा गयी और रोने लगी और बोली भैया ये आप क्या कर रहे है, उसको जगा देख कर मैं भी घबरा गया किन्तु अब कुछ नही हो सकता था इसलिये उससे बोला। रेखा मेरी प्यारी बहन तुमको सोते देख कर और तुम्हारी चूची को देख कर मैं अपना होश खो बैठा और तुम्हारे साथ ये सब करने लगा।
वो बोली मुझे छोड़ दो मैं सब मम्मी और पापा को बताउंगी। मैने काफ़ी मन्नत की किन्तु वो नहीं मानी और छुड़ाकर भागने की कोशिश करने लगी। मैं भी अपने आप को फंसता देख कर उसके बुर में एक जबरदस्त झटका दिया और मेरा चौथाई लंड उसकी बुर में घुस गया वो चिल्लाने लगी और लंड निकालने के लिये प्रार्थना करने लगी तो मैं बोला मैं लंड तभी निकालूँगा जब तुम किसी से नहीं कहने का वादा करोगी। वो नहीं मानी तो मैने एक झटका और दिया और मेरा थोड़ा लंड और उसके बुर के अंदर चला गया। वो दर्द से रोने लगी और मैं अपनी शर्त मनवाने पर तुला था। दर्द उसको बरदास्त नहीं हो रहा था इसलिये वो प्रोमिस की कि किसी से नहीं बतायेगी। तब जाकर मैने अपना लंड उसके बुर से निकाला। वो बैठ कर रोने लगी और अपने दोनो हाथों से अपनी चूची छुपाने लगी।
मैं उसके पास जाकर बोला अब तो तुम्हारी बुर में मेरा लंड जा ही चुका है तो तुम क्यों शरमा रही हो, बो बोली ये ठीक नहीं है। मैं बोला जवानी में सब ठीक होता है। शादी के बाद तुम तो किसी से चुदवाओगी ही तो आज़ क्यों नहीं और उसकी चूची को हल्के हल्के सहलाने लगा, धीरे धीरे उसको भी मज़ा आने लगा और चुप चाप चूची सहलवाती रही। मैने अपने लंड को उसके हाथों में दे दिया किन्तु उसने अपना हाथ हटा लिया और बोली ये मैं नहीं कर सकती हूं ये सब मैं सिर्फ़ अपने पति के साथ ही कर सकती हूं, तो मैं बोला चलो मैं ही तुम्हारा पति बन जाता हूं और मैने सिन्दूर उसकी मांग में जबरदस्ती भर दिया, उसने कहा भैया आपने ये क्या कर दिया, मैं बोला अब मैं तुम्हारा भाई नहीं तुम्हारा पति हूं, वो चुप रही तो मैने उसको अपनी गोद में उठा लिया और उसके चूची को चूसने लगा उसके बाद बेड पर लिटा कर उसकी बुर में धीरे धीरे अपना लंड डालने लगा अब वो विरोध नहीं कर रही थी, मैने उसको कहा अब मैं तुम्हारा पति हूं तुम मेरे लंड को चूसो वो मेरे लंड को चूसने लगी धीरे धीरे वो भी उत्तेजित हो गयी तो मैने अपने लंड को काफ़ी कोशिश के बाद पूरा डाल दिया और करीब आधा घंटे तक चोदता रहा और अपना पानी भी उसके बुर में छोड़ दिया। उस दिन के बाद वो मुझे ही अपना पति मानती है और जब भी मौका मिलता है खूब चुदवाती है। एक दिन उसने बताया कि वो मां बनने वाली है। मैं घबरा गया और एक दिन प्लान बना कर उसको ले कर एक दूसरे शहर में आ गया। अब वो मेरी पत्नी की तरह रहती है और मेरे एक बेटे की मां है।




भाई और बहन २
कैसे है आप सब? एक बार फ़िर से आरज़ू अपनी अधूरी कहानी पूरी करने आप सबके सामने हाज़िर है मेरी कहानी का पहला भाग जिसका टाइटल था 'भाई और बहन' पिछली बार आप सबने पढ़ा होगा और सो हाज़िर है भाई और मैं का पार्ट २ उस दिन छत पर जब हम दोनो चुदायी लीला कर रहे थे तब ही मेरी मुमानी की बड़ी लड़की अफ़रोज़ छत पर आ गयी थी और चुपके से छुप कर हमारी बातें सुन रही थी और देख भी रही थी
भाई ने मुझे बाहों में भर लिया और अपना तना हुआ लंड मेरी चूत से रगड़ने लगे मैं अफ़रोज़ को दिखाने के लिये मादक सिसकियां निकाल रही थी मुंह से आआयययीई भाई जान बहुत गुदगुदी हो रही है आआह्हह प्लीज़ अब घुसा दीजिये अपना लंड मेरी चूत में और मैने अपने दोनो हाथ से भाई का लंड पकड़ लिया और मसलने लगी भाई भी अफ़रोज़ को दखाने के लिये ज़ोर ज़ोर से कराह रहे थे ताकि इसकी चूत में भी खुजली होने लगे और वो भाई की टांगों के नीचे खुद ब खुद चूत फ़ैला कर पसर जाये अब उन्होनें अपने हाथ से मेरी चूत को फ़ैलाया और अपने लौड़े का मुहाना मेरी चूत पर रख कर मुझसे धीरे से बोले देखो इस तरह की एक्टिंग करना कि अफ़रोज़ पूरी तरह से चुदासी हो जाये पता है कि तुम्हारी चूत ढीली हो चुकी है मगर फ़िर भी नाटक करना कुंवारी होने का
इतना कहकर भाई ने जरा सा लंड ही अंदर ठेला था कि मैं चिल्ला पड़ी आआह्हह्हह भैईईइ बहुत दर्द कर रहा है प्लीज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ आहिस्ता आहिस्ता कीजिये आराम से भाई ने अपने होठों में मेरी चूची भर ली और चूसने लगे और एक धक्का और मारा और इस बार उनका करीब ५" लंड अंदर समा गया मैने उनकी कमर जोर से पकड़ ली और अपनी दोनो टांगे उनकी पीठ से किसी कैंची की तरह फ़ंसा ली और अपने चूतड़ को उपर की तरफ़ उछालने लगी आआआआह्हह्हह्ह भाई बहुत मज़ा आ रहा है अब तो घुसा दीजिये अपना पूरा बाकी का बचा हुआ लंड भी अययययीईईई आआअह्हह्हह कसम से जवानी में चुदवाने का मज़ा ही अलग है ये सब मैं अफ़रोज़ को सुनाने के लिये कह रही थी जिसे वो सुन भी रही थी और बहुत मज़े लेकर हम दोनो को देख भी रही थी उसे नहीं पता था कि हम लोग उसे देख चुकें है
तब ही भाई ने अपना पूरा लंड मेरी चूत में जोरदार धक्के के साथ घुसेड़ दिया मैं आआआआआययययीईई इस्सस्सस इस्सस्सस्सस अम्मी माआआअर्रर्रर्र डालाआआआअ भैईईईईइ बहुत दर्द हो रहा है आप ज़रा भी तरस नहीं खाते अपनी बहन पर पूरे जल्लाद बन जाते है चोदते वक्त कहीं इतनी जोर से भी धक्का मारा जाता है? और तब ही भाई ने मेरी निप्पल को दांत से दबाते हुए बहुत ही आराम से धक्के मारने लगे अब मैं ऊऊओफ़्फ़फ़्फ़फ़ ऊऊओफ़्फ़फ़्फ़फ़ कर रही थी और अब इस तरह दशा रही थी कि मुझे बहुत मस्ती मिल रही है आअहाआ भाई बहुत मज़ा आ रहा है थोड़ा और जोर से धक्का मारो ना प्लीज़्ज़ज़्ज़ तुमहे अपनी बहन की कसम है आज सारी ताकत झोंक देना मेरी चूत में ज़रा भी तरस ना खाना साली बहुत कुलबुलाती रहती है
फ़िर तो भाई ने धक्को की झड़ी लगा दिया फ़चा - फ़च की आवाज़ निकल रही थी और मैं भी अपने चूतड़ को उछाल रही थी तब ही भाई का लंड झड़ने के करीब आया और भाई ने कहा आरज़ू अब मैं झड़ने वाला हूँ तुम्हारी क्या पोसिशन है तब मैने कहा क्या बात है आज आप मुझसे पहले डिस्चार्ज हो रहे है वरना तो मेरा पानी २ बार निकलता था तब कहीं आप झड़ते थे? भाई ने कहा बहुत दिन बाद आज चुदायी कर रहा हूँ ना इसलिये ऐसा हो रहा है क्या बतायें वहां घर की बात ही और थी यहां तो साला मौका ही नहीं मिलता है तब मैने कहा यहां किसका डर है?
भाई ने कहा कहीं मुम्मानी की लड़कियां न देख ले या मामुजान को पता न चल जाये अब हम लोग काम की बात पर आये थे तब मैने भाई से कहा भाई अफ़रोज़ भी तो जवान है उसका भी तो मन करता होगा अपनी जवानी का मज़ा लेने का रही मुमानी की बात तो उनको तो मैं अकसर मामु जान से चुदाते हुए देखती हूँ वो अब भी टांगे उठा उठा कर बहुत मज़े से चुदवाती हैं मामुजान से और मामु जान भी कम नहीं है बहुत दम है उनके लौड़े में इस उमर में भी थका डालते है मुमानी को उस दिन तो मैने देखा कि वो मुमानी की गांड मार रहे थे और मुमानी चिल्ला रही थी भाई ने बड़ी हैरत से पूछा अच्छा मामूजान भी गांड मारते है सकल से तो बहुत सरीफ़ नज़र आते है तब मैने कहा भाई पता है मैने मुम्मानी की बातें भी सुनी थी वो कह रही थी मामु से अब आप में पहले की तरह मज़बूती नहीं रह गयी पहले तो सारी रात ही पड़े रहते थे मेरी ओखली में अपना मूसल डाले अब पता नहीं क्या हो गया है आपको तब मामू ने कहा क्या बतायेनं बेगम अब बच्चियां जवान हो गयी है डर लगा रहता है कहीं हम दोनो की चुदायी देख कर बहक ना जायें तब मुमानी ने कहा अरे वो अपने रूम में सो रही है तुम उनकी फ़िकर क्यूं करते हो जम कर मारो आज मेरी गांड और फ़िर मामू ने बहुत जोरदार गांड चोदी थी मुम्मानी की
मुझे तो अफ़रोज़ और आज़रा पर तरस आता है कि बेचारी इतनी कातिल जवानी लेकर भी प्यासी है तब भाई ने कहा क्या किया जा सकता है तब मैने कहा भाई अगर अफ़रोज़ तुमसे चोदने को कहे तो क्या तुम चोदोगे उसे तब भाई ने कहा हां क्यूं नहीं कहीं न कहीं तो वो अपनी चूत की प्यास बुझायेगी ही तब घर में ही क्यूं नहीं अम्मी का कहना भी यही है कि चुदायी की पहल हमेशा घर से ही करनी चाहिये तभी तो मैं हमेशा तुम्हारा ख्याल रखता हूँ तभी मैं भी झड़ने के करीब आ गयी और भाई से कहा अब बातें बाद में चोदना मैं झड़ रही हूँ पहले मुझे सम्भालो भाई बातें भूल कर फ़िर से मुझे चोदने लगे और मैं झड़कर एक तरफ़ लेट गयी
मैने भाई से कहा भाई मैं अफ़रोज़ से बात करुंगी हो सकता है काम बन जाये बेचारी को तरसना ना पड़े और फ़िर धीरे से दरवाज़े की तरफ़ देखा तो अफ़रोज़ नीचे जा चुकी थी तब ही मैने हंस कर कहा साले बहुत मज़ेदार नाटकबाज़ हो तुम खूब जोरदार चुदायी का नाटक करते हो तब भाई ने कहा साली रण्डी तू भी किसी कुतिया से कम नहीं है ऐसे चिल्ला रही थी जैसे पहली बार मरवा रही हो चूत अच्छा ये बताओ क्या कहती हो अब क्या अफ़रोज़ की चूत में खलबली हुई होगी? तब मैने कहा १०० % खलबली हुई होगी अरे तुम्हारा हलब्बी लंड देखकर अफ़्फ़ो क्या उसकी तो अम्मी भी अपनी चूत पसार देगी तुम्हारे आगे ये तो अच्छा ही हुआ कि उसने हमारी चुदायी देख ली अब मुझे ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ेगी काम आसान हो गया है साली खुद ही राज़ी हो जायेगी
तब भाई ने कहा ये तो अच्छा हुआ कि अफ़रोज़ ही आयी थी अगर कहीं मामु जान आय होते तो क्या होता? मैने कहा तुम्हारा क्या होता जो होता मेरा होता वो अपना बम पिलाट लंड लेकर आ जाते और मेरी खुली चूत में डाल देते हालत मेरी खराब होती तब भाई ने कहा हालत क्यूं खराब होती मेरी जान तुम्हे तो मैं इतना एक्सपर्ट कर चुका हूँ कि तुम तो ४ लंड एक साथ अपनी चूत में ले चुकी हो फ़िर भला मामू किस खेत की मूली हैं मैने कहा साले मूली नहीं पूरा बांस है उनका लंड मैने देखा है कितना लम्बा है अगर तेरी गांड में डाल दे तो बरदास्त नहीं कर पायेगा बातें चोद रहा है
तब भाई ने हंसते हुए कहा अच्छा अच्छा मेरी छिनाल बहन अब कपड़े पहन लो क्योंकि मामू को तो तुम्हारी चूत झेल लेगी अगर कहीं अफ़रोज़ अपनी अम्मी और बहन दोनो के साथ आ गयी तो मेरा लंड अभी इस हालत में नहीं है कि मैं उन तीनो को एक साथ झेल जाउं तब मैने कहा सिर्फ़ ३ क्यों मुझे नहीं गिन रहे हो? चारों को चोदना पड़ेगा तुम्हे और ये कह कर मैं हसने लगी और भाई भी हसने लगे मैने पहले वहीं छत की नाली पर जाकर पेशाब किया तो भाई भी वहीं खड़े हो कर मूतने लगा तब मैने कहा यार आराम से बैठ कर मूतो अभी अभी नहा कर आयी हूँ तुम्हारी छींटें आ रही है तब भाई भी वहीं बैठ कर मूतने लगा हम दोनो ने साथ में मूतकर अपने अपने कपड़े पहने वह तो पूरे कपड़े पहन कर नीचे चला गया
पर चूंकि मैं सिर्फ़ टोवल में थी और अब तक नीचे मामूजान आ चुके थे तो मैने अफ़रोज़ को अवाज़ दी कि मेरे कपड़े लेकर उपर चली आये और जब अफ़्फ़ो उपर आयी तो मुझे देख कर शरमा रही थी मैं समझ रही थी कि ये साली क्यूं शरमा रही है उसकी आंखें अभी भी गुलाबी हो रही थी और होंठ थरथरा रहे थे वो कांपते हाथों से मुझे कपड़े देकर नीचे जाने लगी तो मैने कहा जरा रुको मैं भी चेंज कर लूं तो साथ साथ चलते हैं और उसके सामने मैने टोवल वहीं उतार दी वो बहुत गौर से मेरे दोनो बूब्स देखने लगी जो उसकी चूची से काफ़ी बड़े थे और मेरी बुर को भी अज़ीब नज़रों से निहार रही थी तब मैने उसकी जम्पर के उपर से हाथ रखते हुए कहा क्या देख रही हो इतने गौर से?
वो घबरा गयी पर खामोश रही मैं उसकी चूची पर थोड़ा सा जोर देकर फ़िर से बोली आखिर देख क्या रही थी तुम? जो मेरे पास है वो तुम्हारे पास भी तो है तब उसने झिझकते हुए कहा पर आपा आपकी तो हमसे बहुत बड़ी है? मैने कहा बतायेगी भी क्या? तब उसने मेरी चूची पर हाथ रख कर कहा ये मुझे हंसी आ गयी उसके भोलेपन पे मैने कहा नाम नहीं पता है इसका?
उसने शरमाते हुए कहा दुधू है तब तो मुझे बहुत जोरदार हंसि आयी फ़िर मैने उसकी चूची को कपड़े के उपर से ही जोर से दबा कर कहा धत्त बेवकूफ़ लड़की दुधू नहीं चूची कहते है इसे इतनी बड़ी हो गयी है अभी तक नाम नहीं पता क्या देखती है तु टीवी वगैरह में तब उसने कहा आपा यहां कहां टीवी देखने देते है अब्बु जी उंहें तो सिर्फ़ न्युज़ ही पसंद है मेरा चूची मसलना उसे शायद अच्छा लग रहा था वो कुछ बोल नहीं रही थी और मैं अपना काम कर रही थी मैने कहा मैं तेरी चूची सहला रही हूँ तो कैसा लग रहा है? उसने शरमाते हुए कहा अच्छा लग रहा है तब मैने कहा अभी तो कपड़े के उपर से ही मसल रही हूँ अगर पूरी नंगी होकर चूची दबवाओगी तो बहुत मज़ा आयेगा
अब वो थोड़ी थोड़ी खुल रही थी और अपने हाथ धीरे से मेरी चूची पर रखते हुए बोली आपा आपकी चूची इतनी बड़ी कैसे हो गयी जबकि आपकी उमर भी मेरे बराबर ही है तब मैने कहा ये सब मेरे अब्बु और भाई की करतूत है तब उसने चौंकते हुए पूछा क्या मतलब? तब मैने कहा मेरी नन्ही जान जब जवानी की प्यास लगती है तब चुदवाने का मन करता है और जब घर में लंड मौजूद हो तो बाहर का रुख नहीं करना चाहिये ज़माना बड़ा खराब चल रहा है हमारी अम्मी का कहना है भले ही घर में चुदवा लो पर बाहर वालों से नहीं क्योंकि साला आजकल एड्स का बहुत लफ़ड़ा है मेरे मुंह से चूत और लंड की बात सुनकर उसका मुंह खुला का खुला ही रह गया वो बोली हाय आपा आप कैसे गंदी बात करती हो? आपको शरम नहीं आती तब मैने कहा जो लड़की अपने भाई और अब्बु से चुदवा चुकी हो वो भी अपनी अम्मी के सामने उसे शरम कहां आयेगी शरम तो तुझ ऐसे कुंवारी कमसिन छोकरियों को आती है
अब देख तु भी मज़े लेना चाहती है पर शरमा भी रही है अगर तू शरमा न रही होती तो तुझे थोड़ा सा मज़ा तो मैं ही दे देती उसे लाइन पर लाने की गरज़ से मैने कहा तो वो एकदम से बोली कहां शरमा रही हूँ आपा आप दबाइये न मेरी चूची बहुत मज़ा आ रहा है मुझे प्लीज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ दबाइये न मैं समझ गयी अब साली भाई से चुदवा लेगी और मैने उसकी समीज़ भी उतार दी उसकी छोटी छोटी संतरे की तरह चूची एकदम टाइट थी और उसके निप्पल तने हुए थे मुझे उसकी चूची देखकर अपनी पुरानी चूचियों की याद आ गयी जब मेरी चूची भी कड़ी हुअ करती थी एक तरह से मुझे उससे जलन का एहसास होने लगा था मगर मैं उसकी निप्पल को मसलते हुए बोली पता है लड़कियों की जब निप्पल लड़के लोग मसलते है तब उनकी जवानी फ़ड़क उठती है
और फ़िर मैने सोचा कि आज तक मैने कभी किसी लड़की के साथ सेक्स का मज़ा नहीं लिया है क्यों ना आज इसका भी अनुभव कर लिया जाये यही सोच कर उसके हाथ अपनी चूची पर रखे और उससे कहा इन्हें मसल डालो जोर जोर से दबाओ मेरी चूची को वो मेरी चूची दबा रही थी तब ही मैने उसकी सलवार की तरफ़ हाथ बढ़ाया तो उसकी सलवार मुझे भीगी भीगी सी लगी मैं समझ गयी साली अभी थोड़ी देर पहले भाई और मेरी चुदायी का नज़ारा देख कर झड़ी है मैने उसकी बुर को सलवार के उपर से सहलाते हुए कहा ये गीली कैसे है अफ़रोज़?
पहले तो उसने वहां से मेरा हाथ हटाया और फ़िर अपने पैर सिकोड़ते हुए बोली पता नहीं तब मैने उसकी सलवार का जारबंद (नाड़ा) खोलते हुए कहा अभी बताती हूँ ये गीली क्यों है वो अपने दोनो हाथ से मेरा हाथ पकड़ते हुए बोली नहीं आपा मैं नंगी हो जाउंगी प्लीज़्ज़ज़्ज़ज़ इसे मत खोलो मैने हंसते हुए कहा मेरी रानी मुझे देख मैं भी तो नंगी हूँ और उसके जारबंद को खोल डाला उसकी सलवार सरसरा कर पैरो में आ गिरी जिसे मैने निकाल दिया
उसकी बुर पे अभी हल्के हल्के सुनहरे बाल थे जो बहुत खूबसुरत लग रहे थे मुझे इस तरह से अपनी बुर को निहारते देख कर उसने अपने दोनो हाथ से अपनी बुर छुपा ली मैने उसकी दोनो चूची को मसलते हुए एक निप्पल मुंह में भर ली और चुभलाने लगी वो सिसकियां लेने लगी और अपने हाथ अब बुर से हटा कर मेरे सर को अपने सीने पर दबाने लगी मैं तो यही चाहती ही थी मैने उसकी चूची की चुसायी कायदे से करना शुरु कर दी मैने अपने हाथ उसकी बुर की तरफ़ सरकाना शुरु कर दिया और जब हाथ को उसकी बुर पर रख कर सहलाया तो वो बहुत जोर से सिसक पड़ी ईईस्सस्सस्सस्स आपा क्या कर रही हैं आप बहुत गुदगुदी हो रही है मैने उसकी बुर बहुत फ़ूली हुई थी और गोल्डन बाल तो कयामत का मंज़र लग रहे थे मैने उसकी झांटे सहलाते हुए उसकी बुर की फ़ांक फ़ैलायी तो अंदर का गुलाबी हिस्सा देख कर मेरा भी मन उसकी बुर चाटने का करने लगा मैने सोचा आज पहली बार किसी लड़की की बुर चाट कर मज़ा लिया जाये और फ़िर उसकी चूची मुंह से बाहर निकाल कर अपने चेहरे को उसकी झांघों के बीच में लकर उसकी बुर की खुश्बू लेने लगी मैने उससे कहा अफ़्फ़ो तुम ऐसा करो कि लेट जाओ तब ज्यादा मज़ा आयेगा मैने ऐसा इसलिये कहा क्योंकि मुझे अपनी भी चूत तो उससे चुसवानी थी और ये कह कर अफ़रोज़ वहीं फ़र्श पर लेट गयी और मैं उसके बुर की तरफ़ अपना मुंह ले जाकर पहले अपनी जबान से उसकी बुर की फ़ांक को सहलाया और फ़िर धीरे से अपने होंथों में उसकी बुर की फ़ांकों को रख कर चूसने लगी और अपनी चूत को उसके मुंह पर रखते हुए उससे कहा अफ़्फ़ो तुम भी ऐसे ही करो तब उसने कहा नहीं आपा मुझे घिन आती है तब मैने उसकी बुर की चिकोटी काट कर कहा वाह मेरी चुद्दो रानी मैं चूस रही हूँ तेरी गीली बुर और तुझे शरम आ रही है चल जल्दी से चुम्मा ले चूत का
और ये कह कर अपनी चूत को ज़बरदस्ती उसकी मुंह पर अड़ा दिया और वो न चाहते हुए भी चूमने लगी मगर मैं तो बहुत चाव से उसकी छोटी सी बुर को चूस रही थी और अब वो आह आह करने लगी थी उसकी बुर से बहुत ढेर सारा रस बाहर निकल पड़ा जिसे मैं चूस कर चाट गयी और फ़िर जब उसकी बुर पूरी तरह से चिकनी हो गयी तब उसमे मैने अपनी एक उंगली घुसेड़ दी वो कराह उठी आआआह आपा जान क्या कर रही है बहुत दर्द हो रहा है
तब मैने कहा मेरी रानी अभी बहुत अच्छा लगेगा तुम्हे जरा बरदास्त करो और फ़िर दो उंगली एक साथ उसकी बुर में डाल दी और आगे पीछे करने लगी अब तो अफ़्फ़ो को भी मज़ा आने लगा वो मेरी चूत को जोर से शिप करते हुए अपनी चूतड़ को उछालने लगी और मैं भी अपनी अपनी उंगली को बहुत तेज़ी के साथ डालने लगी थी तभी वो एक बार और झड़ी और फ़िर सुस्त हो गयी तब मैने पूछा कि क्यों रानी मज़ा आया? उसने कहा अल्लाह कसम आपा बहुत मज़ा आया तब मैने कहा रानी अगर तुम थोड़ी देर पहले आ जाती तो भाई से चुदवा भी देती तुझे, अभी थोड़ी देर पहले ही तो मैने चुदवाया है तब वो बोली मैं देख चुकी हूँ आपा आपकी चुदायी मेरी सलवार तभी गीली हुई थी तब मैने कहा हां मुझे पता है तु छुप कर सारा तमाशा देख रही थी मैने देखा था ऐ तुझे आ जाना चाहिये था न चलो कोई बात नहीं अब तो तु खुल ही गयी है मैं भाई से कह दूंगी वो तुझे मज़ा देगा
तब अफ़रोज़ ने कहा आपा बहुत दर्द होता है क्या चुदवाने में? मैने कहा नहीं पहले तो थोड़ा सा होगा बाद में सब ठीक हो जायेगा पर आपा भाई का हथियार भी तो बहुत मोटा ताज़ा है तब मैने कहा देख अफ़रोज़ अगर हमारे साथ रहना है तो सब बात खुल कर करनी होंगी बता उसको क्या कहते है? तब वो शरमाते हुए बोली लौड़ा कहते है आपा मैने कहा ये हुइ न बात चल अब जल्दी से कपड़े पहन लेती हूँ भूख भी बहुत लगी है तब अफ़रोज़ न कहा किस चीज़ की भूख लगी है आपा? मैं उसकी शरारत समझ गयी बोली ज्यादा शरारत न करो वरना भाई से कह कर तेरी नन्ही सी बुर की धज्जियां उड़वा दूंगी तब वो माफ़ी मांगते हुए बोली रहम करना मेरी आपा अपनी बहन की इस नाजुक सी चूत पर और फ़टा फ़ट हम लोग कपड़े पहन कर नीचे चले आये उसके बाद की कहानी मैं अगली बार बताउंगी ओ के तो फ़्रेंड्स हर बार की तरह इस बार भी मुझे बताइयेगा की कैसी रही मेरी कहानी

No comments: